बिहार सरकार की “मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण योजना” 2025

परिचय
बिहार सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए “मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण योजना” 2025 की शुरुआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में मार्गदर्शन, प्रेरणा और आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह योजना छात्रों को निःशुल्क कोचिंग, डिजिटल अध्ययन केंद्र, पुस्तकालय, परीक्षा की तैयारी और प्रोत्साहन राशि जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराती है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पिछड़े वर्ग और अति पिछड़े वर्ग के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आवश्यक संसाधन, मार्गदर्शन और आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिससे वे उच्च शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें। योजना के तहत चयनित छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे CAT, MAT, CLAT, NET, GATE, JRF, राज्य स्तरीय और केंद्रीय सेवाओं की तैयारी के लिए विशेष कोचिंग दी जाती है।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
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राज्य में 10 चयनित केंद्रों पर निःशुल्क प्रशिक्षण (कोचिंग) की सुविधा।
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प्रत्येक केंद्र में 60-60 छात्रों के दो बैच (कुल 120 छात्र) को 6 माह का प्रशिक्षण।
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पिछड़ा वर्ग के लिए 40% और अति पिछड़ा वर्ग के लिए 60% सीट आरक्षित।
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दोनों श्रेणियों में 33% सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित।
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75% उपस्थिति पर छात्रों को ₹3,000/- की प्रोत्साहन राशि।
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डिजिटल अध्ययन केंद्र, उन्नत पुस्तकालय, प्रेरणा एवं मार्गदर्शन सत्र।
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केंद्रीय/राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी।
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CAT/MAT, CLAT, NET, GATE, JRF, CSIR, Ph.D., M.Phil आदि परीक्षाओं की तैयारी।
छात्रों के लिए मिलने वाली सुविधाएं
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प्रोत्साहन राशि: 75% उपस्थिति पर ₹3,000/- प्रतिमाह।
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डिजिटल अध्ययन केंद्र: आधुनिक तकनीक से युक्त अध्ययन की सुविधा।
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पुस्तकालय: उन्नत पुस्तकालय में अध्ययन सामग्री उपलब्ध।
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परीक्षा: केंद्रीय/राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी।
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मार्गदर्शन सत्र: प्रेरणा और मार्गदर्शन के लिए विशेष सत्र।
पात्रता (Eligibility)
इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं:
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स्थायी निवासी: आवेदक बिहार राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
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जाति: आवेदक पिछड़ा वर्ग या अति पिछड़ा वर्ग का सदस्य होना चाहिए।
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आय सीमा: अभिभावक की अधिकतम वार्षिक आय ₹3,00,000/- से अधिक नहीं होनी चाहिए।
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शैक्षणिक योग्यता: छात्र/छात्रा की आयु सीमा एवं न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता संबंधित कोर्स की प्रतियोगिता परीक्षा के लिए निर्धारित न्यूनतम अहर्ता के अनुसार होनी चाहिए।
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अन्य: छात्र/छात्रा को सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
आवेदन प्रक्रिया
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आवेदन ऑनलाइन पोर्टल (https://bcebonline.bihar.gov.in) के माध्यम से किया जा सकता है।
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विस्तृत दिशा-निर्देश विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
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आवेदन की अंतिम तिथि: 31 जुलाई 2025।
आरक्षण व्यवस्था
श्रेणी | सीट आरक्षण (%) | छात्राओं के लिए आरक्षण (%) |
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पिछड़ा वर्ग | 40% | 33% |
अति पिछड़ा वर्ग | 60% | 33% |
कोर्स और प्रतियोगी परीक्षाएं
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CAT/MAT: प्रबंधन से संबंधित प्रतियोगी परीक्षाएं।
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CLAT/न्यायिक सेवाएं: विधि पाठ्यक्रम प्रवेश परीक्षा।
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NET, GATE, JRF, CSIR, Ph.D., M.Phil: उच्च शिक्षा और शोध से संबंधित परीक्षाएं।
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राज्य/केंद्रीय सेवाएं: सरकारी नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं।
योजना के लाभ
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आर्थिक सहायता: प्रोत्साहन राशि से छात्रों को आर्थिक बोझ कम होगा।
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संसाधनों की उपलब्धता: डिजिटल अध्ययन केंद्र और पुस्तकालय से गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री।
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मार्गदर्शन: विशेषज्ञों द्वारा प्रेरणा और मार्गदर्शन सत्र।
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प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी: निःशुल्क कोचिंग से छात्रों को बेहतर तैयारी का अवसर।
निष्कर्ष
“मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण योजना” बिहार सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए आवश्यक संसाधन, मार्गदर्शन और आर्थिक सहायता प्रदान करती है। यह योजना न केवल छात्रों के शैक्षणिक विकास में सहायक है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
छात्रों को चाहिए कि वे इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाएं